बारकोड क्या है, बारकोड का इतिहास क्या है, बारकोड के कितने प्रकार हैं, बारकोड कैसे काम करता है, बारकोड को कैसे Use करते है, बारकोड कैसे बनाये (Barcode Kya Hai, Barcode Ki History Kya Hai, Barcode Ke Kitne Types Hai, Barcode Kaise Kaam Karta Hai, Barcode Ko Kaise Use Karte Hai, Barcode Kaise Banaye)
Bar Code क्या होता है इसका क्या काम होता है यह सवाल कभी ना कभी आपके दिमाग में जरूर आया होगा. जब भी आप कोई सामान खरीदते होंगे तो आपने कभी ना कभी काली-काली सीधी लाइन जरूर देखी होगी और यह देखकर आपके दिमाग में यह जरूर आया होगा कि आखिर यह लाइन क्या है. कई बार तो ऐसा होता है कि इस लाइन के मदद से हमें हमारा Bill भी मिल जाता है. इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे कि Barcode Kya Hai और यह कैसे काम करता है.
बारकोड क्या है (Barcode Kya Hai)
Barcode डाटा को Represent करने का एक तरीका होता है. इसका मतलब किसी Product की जानकारी को लिखने का यह एक तरीका है. जिसमें प्रोडक्ट के निर्माता, स्टॉक, कीमत, मात्रा आदि की जानकारी दी गई होती है. यह जानकारी Machine-Readable होती है, इसका मतलब कि केवल मशीन ही यह जानकारी पढ़ सकती है. इसे पढ़ने के लिए Optical Scanner का उपयोग किया जाता है, जिसे हम Barcode Scanner या Barcode Reader के नाम से जानते हैं.
QR Code भी एक तरह का बारकोड होता है जो 2D बारकोड होता है जबकि Linear Barcode 1D बारकोड होता है इसे पढ़ने के लिए ऑप्टिकल स्कैनर की जरूरत पड़ती है. जैसे Pen Scanner, Laser Scanner, Camera Scanner, CCD Scanner इत्यादि. बारकोड में किसी भी प्रोडक्ट के निर्माता, MFD, Expiry Date, Quantity, Price, Weight और Stock की जानकारी दी गई होती है. जब Barcode Reader बारकोड को Scan करता है तो यह जानकारी कंप्यूटर में आ जाती है और इसकी मदद से प्रोडक्ट का Bill बनाया जाता है.
बारकोड का इतिहास (Barcode Ki History)
Barcode का अविष्कार Norman Joseph Woodland और Bernard Silver में किया था. इन्होंने 1948 में बारकोड बनाने पर काम शुरू किया. कई प्रयासों के बाद Norman Joseph Woodland ने Morse Code को आधार बनाया और उसके Dots और Dashes को नीचे की ओर खींच कर उनमें से Narrow और White Line बनाया. जिसके बाद बारकोड का आविष्कार हुआ. साल 1949 में इन्होंने बारकोड के लिए Patent फाइल की जो कि उन्हें 1952 में मिला. इसके बाद साल 1974 में ट्रॉय के Marsh Supermarket में पहला UPC Barcode Scanner लगाया गया.
बारकोड के प्रकार क्या हैं (Barcode Ke Prakar)
यह मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं. लीनियर बारकोड और 2D बारकोड
1. लीनियर बारकोड (Linear Barcode)
यह Barcode One Dimensional होता है. इसका मतलब कि इसमें केवल लंबाई होती है. इसलिए इन्हें 1D Barcode भी कहा जाता है. यह Information को Numerical Form में Store करते हैं लेकिन इनकी Storage Capacity ज्यादा नहीं होती है, इसलिए यह QR Code के मुकाबले काफी कम Data Store कर पाते हैं. Linear Barcode का प्रयोग कई जगह पर किया जाता है जैसे तेल, साबुन, पाउडर, शैंपू, क्रीम, मैगी, चिप्स, बिस्किट, चॉकलेट आदि के पैकेट्स पर यह बारकोड आसानी से देखने को मिल जाता है. बड़ी इंडस्ट्रीज भी इसका प्रयोग करते हैं जैसे कि ट्रांसपोर्ट, रिटेल, हेल्थ केयर, फूड, ऑटोमोबाइल्स आदि.
2. 2D बारकोड (2D Barcode)
यह बारकोड Two Dimensional होता है. इसका मतलब कि इसमें लंबाई और चौड़ाई दोनों होती है, इसलिए इन्हें 2D Barcode कहा जाता है, लेकिन यह QR Code नाम से प्रसिद्ध है. यह बारकोड Information को Numerical, Alpha-Numerical,Byte/Binarh और Kanji Form में Stpre करते हैं. यह 0-9, A-Z, a-z, Special Characters, ISO आदि के रूप में Data को Store कर सकते हैं.
QR Code बारकोड का ही एक प्रकार है जिससे साल 1994 में एक जापानी कंपनी Denso Wave ने बनाया था. यह Morse Code पर आधारित है जिस पर बारकोड आधारित होता है. इसकी Storage Capacity बहुत ज्यादा होती है. इसके अलावा यहां कई तरह के डाटा को स्टोर कर सकता है.
बारकोड कैसे काम करता है (Barcode Kaise Kaam Karta Hai)
हमारा Computer केवल Binary Language यानी कंप्यूटर केवल 0 और 1 को ही समझता है, इसलिए बारकोड को हम Black and White के ऐसे 95 खाने पट्टियों में बदल देते हैं और इन्हें 0 व 1 एक के रूप में बांट कर देते हैं. 95 खानों में से तीन खाने Start, Middle, End में छोड़ कर रखते हैं जिन्हें Guards के रूप में जाना जाता है.
95 खाने में तीन-तीन खाने अलग करने के बाद उसके बीच में 42-42 लाइन बचती है इन लाइनों को 6 भागों में बांट दिया जाता है जिससे 7-7 लाइनों का एक भाग बन जाता है. अब बारकोड को बाएं से दाएं पढ़ा जाता है. जैसा कि हमने बताया कि दाएं भाग को 6 भागों में बांट दिया जाता है इस प्रकार 1 भाग 7 लाइनों से बनता है और इन 7 लाइनों से मिलकर एक कोड बनता है. यह कोड बाई और सम स्थानों से बना होता है जबकि दाएं ओर विषम स्थानों से बना होता है, जिससे यह पता चलता है कि बार कोड किस प्रकार से Read करना है.
बारकोड के फ़ायदे (Barcode Ke Fayde)
1. बारकोड के इस्तेमाल से Product Unique हो जाता है.
2. इसकी वजह से Computer System को Product पहचानने में आसानी होती है.
3. बारकोड से समय बच जाता है.
4. इसकी मदद से हम उस Product की पूरी कंपनी के बारे में जान सकते हैं.
बारकोड के नुकसान (Barcode Ke Nuksaan)
1. इसमें ज्यादा Information Store नहीं किया जा सकता है.
2. बारकोड थोड़ा सा भी खराब हो जाता है तो उसके Scanner उसे Read नहीं कर पाता है.
3. इसको हम किसी भी Angle यानी 360 डिग्री में स्कैन नहीं कर सकते हैं.
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